ए दिल है मुशकिल की "मुश्किल"
मुझे आने वाले जुमे का बेसब्री से इन्तिज़ार है क्योकि मुझे करन जौहर की फिल्म "ए दिल है मुश्किल "देखनी है जो आज कल बड़ी मुश्किल में पड़ गई है फिल्म के प्रोमोज देख कर तो लगता है कि फिल्म दिलचस्प होगी और उसका एक गाना...." मेरी रुह का परिंदा फड़फड़ाये, लेकिन सुकून का जज़ीरा मिल न पाये .... मुझे बहुत ज़्यादा पसंद है
इतना हंगामा बरपा हो चुका है इस फिल्म को लेकर, जिसका कोई भी लॉजिकल रीज़न नज़र नहीं आता अरे कौन सी क़यामत आ गई अगर फिल्म मे पाकिस्तानी एक्टर हैं. जिस वक़्त ये फिल्म बन रही थी तो पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते ठीक थे। हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पाकिस्तान गए थे, नवाज़ शरीफ साहब की माँ को एक साड़ी भी तोफहे में दी थी " तो क्या अब वो साड़ी भी उनकी माँ से वापस मंगवा ली जाये "?
इसी बारे में फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप का वो टवीट भी मुझे काफी सही लगा था जिसमें उन्होंने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से ये सवाल किया था कि " प्रधानमंत्री जी, क्या आप पाकिस्तान दौरे के लिए भी माफ़ी मागेंगे "
उरई में हमारे जवान शहीद हुए और फिर सर्जिकल स्ट्राइक करके हमने ईट का जवाब पत्थर से दे कर, बदला भी ले लिया, अब और क्या चाहिए भई!!! अब थोड़ी देश भक्ति शहीदों के परिवारों की मदद करके भी दिखाई जा सकती है जिससे वो अपनी आगे की ज़िंदगी को अच्छी तरह जी सके। और आपको ढेरों दुआएं दें ।
इतने दिनों से सर्जिकल स्ट्राइक की कामयाबी पर तो रोज़ हमारे मौका परस्त नेता देश भक्ति की दुहाई देते हुए बात कर रहें हैं लेकिन इस बात की फ़िक्र हमारे नेताओ को ज़रा भी नहीं है कि देश से कुपोषण को कैसे ख़त्म किया जाये। दुनिया के 118 देशो में से 97 वीं जगह पर आ गया है हमारा भारत देश ' क्या ये शर्म की बात नहीं है ?
आज करन जौहर को अपनी देश भक्ति का सुबूत य कह कर देना पड़ रहा है कि" वो अपने देश से प्यार करते हैं और देश भक्त हैं। " जो एक ख़ास नज़रिये की हिमायत न करे वो देशद्रोही है, उसे अपने देश से प्यार नहीं है अपनी देश भक्ति साबित करने के लिए उसे सफ़ाई देनी पड़ती है ,ये क्या बात हुई भला !!!! बन्दूक की नोक पर किसी की देश भक्ति का इम्तिहान नहीं लिया जा सकता इसे तो सिर्फ़ गुंडागर्दी या दादागीरी ही कहा जा सकता है.
हम पाकिस्तान के साथ बड़े पैमाने पर कारोबार करते है ,आयात -निर्यात करते हैं. क्या वो भी बंद कर देंगे ? हमें ये नहीं भूलना नहीं चाहिए कि फिल्म मेकिंग हमारे देश का एक एहम कारोबार है जिससे लाखो लोगो को रोज़गार मिला हुआ है।" अगर ए दिल है मुश्किल "फिल्म का लोग सिर्फ इसलिए बहिष्कार करते हैं क्योंकि उसमें पाकिस्तानी एक्टर हैं या फिर लोग MNS (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ) की धमकियों और गुंडागर्दी के चलते सिनेमा घरों तक नहीं पंहुचने की हिम्मत नहीं कर पाते तो इसका सीधा असर फिल्म के कारोबार पर पड़ेगा, हमारे अपने ही लोगो पर पड़ेगा।
उनकी दिवाली अँधेरी हो जाएगी। जिन लोगों ने इस फिल्म को बनाने में अपना खून पसीना बहाते हुए दिन रात मेहनत की है वो अपने घर की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगे हो सकता है कि कुछ लोगो को अपने बच्चों की पढाई बीच में ही छुड़वाना पड़ जाए।
मेरे ख़याल से कोई सच्चा हिन्दुस्तानी और देश भक्त तो नहीं चाहेगा की किसी हिंदुस्तानी की दिवाली काली हो। उम्मीद करती हूँ की फिल्म चले और खूब अच्छा बिज़नस करे और सब लोग रौशनी का त्यौहार दिवाली ख़ुशी ख़ुशी मनाये
अर्शिया ज़ैदी