14 Jan 2012

YOG AUR SEHAT


                                              योग और सेहत
आज हम जिस तरह का लाइफ स्टाइल जी रहे है उसमें,ना तो हमारे पास तसल्ली से खाना खाने का वक़्त है और न ही पूरी नींद सोने का, दुनियावी  चमक-दमक और पैसा कमाने का जूनून हम पर इस क़दर हावी हो चला है कि हम अपनी सेहत को भी नज़र अंदाज़ कर बैठे हैं.
आज हम जिस हवा में सांस ले रहे है वो polluted हो चुकी है,जो खाना हम खाते है उसमेpesticidesमिले हुए है यहाँ तक की पीने का पानी भी साफ़ नहीं मिल पाता.ऊपर से स्ट्रेस भरी भाग दौड़ की जिंदिगी ने  लोगो का जीना  मुहाल कर रखा है.तरह-तरह की नई नई बीमारियाँ हमें घेरती जा रही है.महगे इलाज,अस्पताल का खर्च और डॉक्टर की फीस ने आम आदमी की जेब ख़ाली कर दी है.
आज हर किसी को अच्छी सेहत और दिल के सुकून की तलाश है जिसे पाने के लिए योगासन और प्राणायाम से बेहतर तरीक़ा और कोई नहीं है.इस प्रक्टिस को लगातार करते रहने से,जो बीमार है वो अच्छे हो जाते है और जो सेहतमंद है उनके पास सेहत का अनमोल खज़ाना बना रहता है.  
      प्राणायाम साँसों को सही ढंग से लेने की वो टेक्नीक है जिससे बॉडी के हर cell को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है,वो activeऔर healthy  बने रहते  है.यहाँ तक की कई बार dead cells भी एक्टिव होकर सही ढंग के काम करना शुरू कर देते है.साँसों को सही ढंग से लेने और छोड़ने का ये तरीक़ा शरीर के टोक्सिन्स(toxins)को बाहर फेक कर सभी organs को  healthy रखता है.
प्राणायाम में 6 तरह की exercises करवाई जाती है ये है -
1-भस्त्रिका प्राणायाम 2-कपाल भाति प्राणायाम 3-बह्य प्राणायाम 
4-अनुलोम प्राणायाम 5-ब्रह्मरी  प्राणायाम 6-उद्गीत प्राणायाम .
 योगभ्यास और प्राणायाम  करके लोग,0%खर्च,0%साइड एफ्फेक्ट और100 %फायदा उठा रहे है यहाँ तक की,कई बार जब डॉक्टर उम्मीद छोड़ बैठे है और मरीज़ से कह दिया है"की आपकी बीमारी का कोई इलाज नहीं है,आपको  ठीक रहने के लिए जिंदिगी बार दवाएं खानी होंगी"तब योग ने अपना कमाल दिखाया है.अनुलोम-विलोम,कपाल-भाति कर के मरीजों ने नयी जिंदिगी पायी है,और दवाओं को अलविदा कहा है .
     योग करने के लिए किसी ख़ास उम्र की दरकार नहीं है.ये किसी उम्र में भी  शुरू किया जा सकता है.यहाँ तक की छोटे मासूम बच्चे,जिन्हें बोलना भले ही नहीं आता हो पर वो अनुलोम-विलोम और कपाल-भाति का मतलब अच्छी तरह समझते है और कहने पर,एक्टिंग कर के भी दिखा देते है. 
     दूसरी तरफ ऐसे लोगो की तादाद भी कम नहीं है जिन्हें योग से होने वाले सारे फायदों के बारे में पूरी जानकारी तो है पर काहिली की चलते योगाभ्यास करने में टाल मटोल करते रहते है.बीमार पड़ जाने पर,पहले तो दवाईयां खा-खा कर सेहतयाब होने की हर मुमकिन कोशिश करते है लेकिन ख़ुदा न ख़स्ता,सारे इलाज कराने के बाद भी अगर बीमारी ठीक नहीं होती तो ये dialogueबोल कर खुद को तस्सली देने की कोशिश करते है ...."कि क्या करे किस्मत में यही लिखा था" ... या "ऊपर वाले की यही मर्ज़ी थी" .
इस तरह की सोच रखने वाले लोगो को दर्द से करहाते हुए,डॉक्टर के यहाँ चक्कर लगाना और पैसे को पानी की तरह बहाना तो मंज़ूर होता है पर बेहतर सेहत के लिए योग और प्राणायाम करना गवारा नहीं होता.
   योग की बात चले  और बाबा राम देव का ज़िक्र ना आये,ऐसा तो हो ही नहीं सकता.यूं तो योग की खोज महाऋषि पतंजलि ने पांच हज़ार पहले की थी पर आस्था टीवी के ज़रिये इसे घर-घर पहुचने की पहल बाबा रामदेव ने की थी.उन्होंने योग और प्राणायाम को आम लोगो की लिए खास बना दिया है,उनकी कही हुए बातें लोग,बड़े ध्यान से सुनते और समझते थे उनकी मजाक भरी चुटकियाँ लोगो को हसने पर मजबूर कर देती थी.उनकी बात में कितना दम था इसका अंदाज़ा तो इसी बात से लगाया जा सकता है, की जब उन्होंने पेप्सी और कोकाकोला जैसे बड़े ब्रांड के कोल्ड ड्रिंक कोToilet Cleaner का नाम देते हुए,लोगो को,इसे न पीने की हिदायत दी तो लोगो ने इन कोल्ड ड्रिंक्स को पीना तक छोड़ दिया था जिसकी वजह से न सिर्फ इन विदेशी कंपनीयो को भारी नुक्सान उठाना पड़ा था बल्कि इसका बाज़ार भी उन दिनों  काफी डाउन हो गया था.
    बाबा रामदेव जनता की सेहत को सुधारने में पूरी तरह कामयाब रहे लेकिन जब उन्होंने समाज की सेहत को बेहतर बनाने के लिए हिन्दुस्तान की राजनीती में कदम ज़माने की कोशिश की तो वहाँ बात बिगड़ गयी और वो एक के बाद एक नई controversyमें फसते चले गए इससे उनकी इमेज को ज़बरदस्त धक्का लगा.
   योग करने के फायदे तब ही महसूस हो पाते है जब कोई खुद लगातार प्रक्टिस करता रहता है.अगर आप अपनी जिंदिगी में कुछ करना चाहते  है,कुछ पाना चाहते है तो इसके लिए आपको फिट रहना ज़रूरी है,अच्छी सेहत के बिना आप कुछ हासिल नहीं कर सकते.यूं तो कोई भी,किसी भी उम्र में बीमार हो सकता है,लेकिन अगर अपने आप पर,थोड़ी सी मेहनत करके जिंदिगी को सेहत मंद और चुस्त दुरुस्त और ख़ुशगवार  बनाया जा सकता है तो इसमें हर्ज ही क्या है!  

 अरशिया  ज़ैदी





2 comments:

Anuja said...

....It is very helpful...Keep it up..Thanks.

Arshia Zaidi said...

Thanks...looking forward for more inputs.