आज हम जिस तरह का लाइफ स्टाइल जी रहे है उसमें,ना तो हमारे पास तसल्ली से खाना खाने का वक़्त है और न ही पूरी नींद सोने का, दुनियावी चमक-दमक और पैसा कमाने का जूनून हम पर इस क़दर हावी हो चला है कि हम अपनी सेहत को भी नज़र अंदाज़ कर बैठे हैं.
आज हम जिस हवा में सांस ले रहे है वो polluted हो चुकी है,जो खाना हम खाते है उसमेpesticidesमिले हुए है यहाँ तक की पीने का पानी भी साफ़ नहीं मिल पाता.ऊपर से स्ट्रेस भरी भाग दौड़ की जिंदिगी ने लोगो का जीना मुहाल कर रखा है.तरह-तरह की नई नई बीमारियाँ हमें घेरती जा रही है.महगे इलाज,अस्पताल का खर्च और डॉक्टर की फीस ने आम आदमी की जेब ख़ाली कर दी है.
आज हर किसी को अच्छी सेहत और दिल के सुकून की तलाश है जिसे पाने के लिए योगासन और प्राणायाम से बेहतर तरीक़ा और कोई नहीं है.इस प्रक्टिस को लगातार करते रहने से,जो बीमार है वो अच्छे हो जाते है और जो सेहतमंद है उनके पास सेहत का अनमोल खज़ाना बना रहता है. 

1-भस्त्रिका प्राणायाम 2-कपाल भाति प्राणायाम 3-बह्य प्राणायाम
4-अनुलोम प्राणायाम 5-ब्रह्मरी प्राणायाम 6-उद्गीत प्राणायाम .

योग करने के लिए किसी ख़ास उम्र की दरकार नहीं है.ये किसी उम्र में भी शुरू किया जा सकता है.यहाँ तक की छोटे मासूम बच्चे,जिन्हें बोलना भले ही नहीं आता हो पर वो अनुलोम-विलोम और कपाल-भाति का मतलब अच्छी तरह समझते है और कहने पर,एक्टिंग कर के भी दिखा देते है.
दूसरी तरफ ऐसे लोगो की तादाद भी कम नहीं है जिन्हें योग से होने वाले सारे फायदों के बारे में पूरी जानकारी तो है पर काहिली की चलते योगाभ्यास करने में टाल मटोल करते रहते है.बीमार पड़ जाने पर,पहले तो दवाईयां खा-खा कर सेहतयाब होने की हर मुमकिन कोशिश करते है लेकिन ख़ुदा न ख़स्ता,सारे इलाज कराने के बाद भी अगर बीमारी ठीक नहीं होती तो ये dialogueबोल कर खुद को तस्सली देने की कोशिश करते है ...."कि क्या करे किस्मत में यही लिखा था" ... या "ऊपर वाले की यही मर्ज़ी थी" .
इस तरह की सोच रखने वाले लोगो को दर्द से करहाते हुए,डॉक्टर के यहाँ चक्कर लगाना और पैसे को पानी की तरह बहाना तो मंज़ूर होता है पर बेहतर सेहत के लिए योग और प्राणायाम करना गवारा नहीं होता.


बाबा रामदेव जनता की सेहत को सुधारने में पूरी तरह कामयाब रहे लेकिन जब उन्होंने समाज की सेहत को बेहतर बनाने के लिए हिन्दुस्तान की राजनीती में कदम ज़माने की कोशिश की तो वहाँ बात बिगड़ गयी और वो एक के बाद एक नई controversyमें फसते चले गए इससे उनकी इमेज को ज़बरदस्त धक्का लगा.
योग करने के फायदे तब ही महसूस हो पाते है जब कोई खुद लगातार प्रक्टिस करता रहता है.अगर आप अपनी जिंदिगी में कुछ करना चाहते है,कुछ पाना चाहते है तो इसके लिए आपको फिट रहना ज़रूरी है,अच्छी सेहत के बिना आप कुछ हासिल नहीं कर सकते.यूं तो कोई भी,किसी भी उम्र में बीमार हो सकता है,लेकिन अगर अपने आप पर,थोड़ी सी मेहनत करके जिंदिगी को सेहत मंद और चुस्त दुरुस्त और ख़ुशगवार बनाया जा सकता है तो इसमें हर्ज ही क्या है!
अरशिया ज़ैदी