.
बुझती आखों का सुलगता पैग़ाम
गैंग रेप के हादसे की शिकार वो मासूम लड़की आज 12 दिन के बाद ज़िन्दिगी की लड़ाई हार गयी और सिंगापुर के माउंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। सुबह -सुबह मिली इस खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है .... आज हर हिन्दुस्तानी की आखों में आँसू है. इस वक़्त ऐसा लग रहा है की जैसे हर घर से एक बेटी, एक लड़की की मौत हुई है .....
होश में आते ही उसने अपनी माँ से एक ही सवाल पूछा था ...... क्या उन दरिंदो को सज़ा मिली ? इस हादसे के बाद मौत से जूझते हुए शायद कुछ ऐसे जज़्बात रहे होंगे.......
नक़ाब चहेरो से ए ज़ालिमो उठाऊंगी
दरिंदगी की कहानी भी मैं सुनाउंगी.
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूँ, इसलिए सुन लो
मैं बुझती आखों से भी इंकलाब लाउंगी .
तुम्हारी सोंच को लोगो बदल भी सकती हूँ
मैं इस समाज में गिर कर संभल भी सकती हूँ .
तुम्हें भी न्याय मिले इसलिए मेरी बहनों
मैं मर के देश की सूरत बदल भी सकती हूँ. (Written by Mr. Hilal Ali Zaidi)
अरशिया ज़ैदी
बुझती आखों का सुलगता पैग़ाम

होश में आते ही उसने अपनी माँ से एक ही सवाल पूछा था ...... क्या उन दरिंदो को सज़ा मिली ? इस हादसे के बाद मौत से जूझते हुए शायद कुछ ऐसे जज़्बात रहे होंगे.......
नक़ाब चहेरो से ए ज़ालिमो उठाऊंगी
दरिंदगी की कहानी भी मैं सुनाउंगी.
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूँ, इसलिए सुन लो
मैं बुझती आखों से भी इंकलाब लाउंगी .
तुम्हारी सोंच को लोगो बदल भी सकती हूँ
मैं इस समाज में गिर कर संभल भी सकती हूँ .
तुम्हें भी न्याय मिले इसलिए मेरी बहनों
मैं मर के देश की सूरत बदल भी सकती हूँ. (Written by Mr. Hilal Ali Zaidi)
अरशिया ज़ैदी
No comments:
Post a Comment