15 Aug 2011

Hausala (poem)

               हौंसला 

हौंसले को खुद से,
 कभी तुम जुदा न  करना 
हार कर कभी तुम
 कोशिशें कम न करना

एक दिन तुम्हारा होगा,
 ये ऐतबार करना 
उस वक़्त का सब्र से तुम
इंतज़ार करना


पहचान तुमको अपनी 
खुद ही बनानी होगी 
जद्दो जहेद से अपनी
मंजिल को पाना होगा 

राहों में मुश्किलें  जो 
आएँगी तुम्हारे 
उन  से उबर के तुमको
रास्ता  बनाना होगा

अर्शिया ज़ैदी
  Published  in Sarita (Delhi Press) in April 2001

1 comment:

Ali.Scorp said...

nice 1 rainy baaji :)