27 May 2012

satya mave jayate....ek aam aadmi ka show

       सत्य मेव जयते...एक आम आदमी  का टॉक  शो 
                          
आज  सन्डे  है  दिन  के 9 बज  रहे  है ... और  मुझे दिन  के 11 बजने का इन्तिज़ार है दिन  के 11 बजे ....यानी  आमिर खान के साथ " सत्य मेव जयते " देखने का वक़्त...जिसका  मुझे  बेचैनी  से इन्तिज़ार है.....सोच  रही हूँ  की आज  आमिर  खान  किस   मुद्दे  पर  अपने टॉक  शो में   बात   करेंगे  

एक  लम्बे  अरसे के बाद  ऐसा  रिअलिटी  शो आया है जो  ऐसे  सामाजिक  मुद्दो  और समस्याओ   पर   बात  करता है ...जो  आम     आदमी की  जिंदिगी  पर  सीधा  असर डालते  है ... और कही न  कही .....  हम  सब  की  जिंदिगी  से  ताल्लुक़   रखते  है.  ये  शो लोगो  को एक  नयी   उम्मीद .... नया हौसला  दे रहा है .  
  सत्य  मेव  जयते  को देख  कर लगता है  जैसे  वो  ज़माना  वापस  आ  गया हो ,जब  इतवार  को  दिन  के 11 बजे,  पूरा  घर  एक  साथ  बैठ  महाभारत  और  रामायण  टी वी  सीरियल  देखा  करता  था. तेलगु , कन्नड़ ,बंगाली , मलयालम  जैसी  दूसरी हिन्दुस्तानी भाषाओ   में  डब  किया गया ये  पहला  ऐसा  हिंदी  रिअलिटी शो है जो  प्राइवेट  चैनल  के साथ - साथ  दूर दर्शन  पर  भी  इतवार 11 बजे ही   दिखाया  जा रहा  है. ताकी उसे   भारत   के  सभी  भाषाएँ बोलने और समझने वालो  तक  पहुचाया  जा  सके.

आमिर खान  जो काम  भी करते है ... वो "ज़रा हट के "होता है ... ये एक  बार  फिर उन्होंने  साबित   कर   दिखाया  है .सत्य जीत  भटकल  के  निर्देशन  में Amir khan Production Company  ने  इस  सीरियल  को  बनाया  है. जिसमे  आमिर खान  ने  अपनी  स्टार  पॉवर  का इस्तेमाल  करके समाज  के कुछ  ऐसे अहम  अनछुए  मुद्दों और  समस्याओं पर रौशनी डालने की कामयाब  कोशिश  की है  जिन के  बारे  में  गहराई से सोचने और  उनका हल  .... निकालने की ज़रुरत है। 
पिछले तीन एपीसोड़ में आमिर  खान  ने  जो  topic  चुने  और जिस  तरह  उन्हें positive  approach के  साथ  conduct किया  वो क़बीले तारीफ़  है...  
6  मई  20 12 को  सत्य  मेव  जयते  के  पहले एपीसोड़  में हिन्दुस्तान  में  तेज़ी  से हो रहे  female  foeticide   की  शिकार  औरतो  की  आप -बीती  हम  तक  पहुचाई गयी . 
और  sting operation (2005)  करने  वाले   पत्रकार  श्रीपाल  शेक्तावत  और मीना  शर्मा  की  बहादुरी  को   ना  सिर्फ    सराहा  गया ....बल्कि  सात  साल  से  लटके  उनके  sting operation  केस  को  फास्ट  ट्रैक  पर चलाने  की गुजारिश  भी  की  गयी... जिसे   राजिस्थान  के मु ख्य  मंत्री अशोक  गहलोत  ने  मान  लिया 
Female  foeticide   के  खिलाफ  छिड़ी  इस  मुहीम का  अच्छा  असर  देश   के कई  शहरों  में  देखने  को  मिला, बड़ी तादाद   में ऐसे maternity और sonography  clinics  के  licenses  रद्द   कर   किये  जा रहे है जहां Female foeticide के  केस   हो रहे थे.
सत्य मेव  जयते  के  दूसरे  एपीसोड  में  आमिर  खान  ने एक  ऐसे  नाज़ुक  मुद्दे को  छुआ  जिसे  हम  child  sexual  abuse  कहते है, जिसके  बारे में   लोग   आज  भी  बात  करने से  कतराते  है .
इस   एपीसोड़े में  सिंड्रेला प्रकाश , हरीश  अय्येर   जैसे  victim से मुलाक़ात  करवाई गयी, जिन का  बचपन child  sex  abuse के खौफ़  नाक  अँधेरे  में  कहीं  गुम  हो गया था.  
आखें  खोलने  वाले  इस  एपीसोड़  ने   आम  लोगो को  child  sex  abuse के  बारे  न  सिर्फ  alert  रहने  की  सीख   दी  बल्कि उन्हें  इस  सच्चाई  से  भी वाकिफ  कराया  ... की  करीबी  दोस्त  और  रिश्तेदारो  पर  भी नज़र रखना  ज़रूरी है क्योकि  ज़्यादा तर  दोस्त और रिश्तेदार ही ऐसा कर बैठते है  इसके  अलावा आमिर  खान  ने  बच्चो  को  sex abuse  से
बचाने के लिए  एक  वर्क-शॉप   की
और  उन्हें  good touch / bad touch 
 का  फर्क  समझाया  ताकी  बच्चे  खुद को  sex abuse से बचा सके .
इस  एपीसोड़ ने  वो कर  दिखाया ,जो अब तक  नहीं हो सका था. हाल  में ही लम्बे वक़्त  से संसद में रुका हुआ  Protection of children  against sexual offences bill  पास  हो  गया है  जो  वाक़ई  बेहद  ख़ुशी  की  बात  है ,गौर  तलब  बात  ये है की  अब  तक, हमारे देश  में sex  abuse  को लेकर कोई  कानून  नहीं  था.
अब  लोग खुल  कर रेडियो और  मीडिया  में  child  sex  abuse के बारे  में बात  करने लगे है .बच्चो की  हेल्प  लाइन  और NGO  के  पास  भी अब बड़ी तादाद  में  मदद के लिए  फ़ोन  आ  रहे है 
त्य  मेव जयते  के   तीसरे  एपीसोड़  में  आमिर  खान ने दहेज़  के side effect को  आम  जनता तक पहुचाया....... लेकिन   कुछ   अलग  अंदाज़ से ...   
उन्होंने  अपने शो में  रानी त्रिपाठी  जैसी   लडकियों  को  बुलाया जिन्होंने "लोग  क्या  कहेंगे " इस  बात  की परवाह  न  करते हुए दहेज़  के  खिलाफ   अपने  सुसराल  वालो  की dowry demands को रिकॉर्ड  करके  मीडिया  और पब्लिक  के सामने ला खड़ा किया, जिसमे  उनके घर वालो ने उनका पूरा साथ  दिया .
आमिर खान  ने  अँधेरे में  रौशनी की  किरण  दिखाते  हुए .. बुरहान  पुर के  "तंज़ीम  खुद्दाम  ए   मिल्लत "  कॉमुनिटी के  मौसिम  उम्मीदी से  मुलाक़ात  करवायी  जो  अपने   शहर  बुरहानपुर में  नो  बैंड... नो  बाजा  ... नो बरात  का  तरीका  अमल  में लाते  हुए बिना दहेज़  और  लेन -देन के, सादगी से  शादियाँ  करवा रहे है ....  उनसे  inspire  होकर  उनका पूरा शहर  इस  तरीके  को  अपना  रहा   है. 
आमिर खान के  जादुई  पिटारे में  और क्या क्या है,  ये  हर नये  एपीसोड़ में पता  चलता  रहेगा   ... उम्मीद है  की  सत्य मेव जयते का हर एपीसोड़  लोगो  की  किसी  न   किसी   उलझन  को सुलझाएगा..... जीने की  राह  दिखायेगा. और  लोगो  को  कुछ  अच्छा करने की inspiration  देता रहेगा      
   अरशिया  ज़ैदी   













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10 May 2012

100 saal ki jawaan ....ZOHRA SEHGAL

                 100 साल की  जवान ......जोहरा सहगल 

"अभी  ना जाओ छोड़  कर,  
  के  दिल अभी  भरा नहीं .....
  के केक अभी कटा नहीं ....".ये  लाइने  गुनगुना रही थी मशहूर  थिऐटर  और  फिल्म  एक्टर  जोहरा सहगल..... अपनी 100 वी  साल गिरह  पर एक  बड़ा  सा  केक   काटते  हुए.
27 अप्रैल 1912 को उत्तर  प्रदेश  के  रामपुर  जिले  में  पैदा  हुई  और  सहारन पुर के  रूहेला पठान  ज़मीदार  खानदान  से ताल्लुक़  रखने वाली  जोहरा  सहगल बीती 27 अप्रैल को 100 साल की हो गयी.उनका ज़िक्र आते ही ऐसी  खुश मिज़ाज,अल्ल्हड़ , नटखट  और बिंदास   बुज़ुर्ग  अदा कारा  का चेहरा सामने आता है  जो अपनी  बेमिसाल   एक्टिंग  के लिए तो जानी ही जाती है....  साथ  ही जानी जाती है  जिंदिगी  के लिए अपने जोश  और प्यार  के  लिए .

एक  एक्टर  बनने  के लिए,उन्होंने अपने अंकल  के साथ ,इंग लैंड  तक  का  सफ़र सड़क  के रास्ते,अफगानिस्तान  और इरान  होते  हुए  तय  किया था .जोहरा ने अपने  लम्बे करियर में  Indian People's Theatre और प्रथ्वी राज थिएटर  के साथ  14 साल  तक काम  किया,और आठ  साल  तक  अपने गुरु  उदय  शंकर से   डांस  क्लासेस  ली.फिल्मो में उनका  करियर  धरती के लाल  से  शुरू  हुआ   ....Bhaji on the beach (1992) हम  दिल  दे चुके  सनम , Bend it like Beckham (2002),दिल  से ...(1998),चीनी कम  और  सावरियां उनकी  यादगार  फिल्में हैं   
इसके अलावा  छोटे परदे  पर The Jewel in the crown,(1984),Tandoori Nights (1985-87),Amma & Family(1996) जैसे  मशहूर  टी वी  सीरियल स  में  भी अपने काम से लोगो  के दिलो  पर  अपनी  छाप  छोड़ने  में  कामयाब  रही.

जोहरा  नास्तिक  ख़यालात  की  रही है.ख़ुदा  में  यकीन  न  रखने  वाली जोहरा  ने  जब  मजहब  और जात -पात  से ऊपर उठ  कर अपने से  8 साल  जूनियर .... 'साइंटिस्ट ,डांसर  और  पेंटर'  कामेश्वर  नाथ  सहगल  से  शादी  का  फैसला  किया  तो शुरू  में  माँ - बाप की  रज़ा मंदी  नहीं  मिली  लेकिन  कुछ  वक़्त  के बाद  वो मान  गए  और उन्होंने  शादी  की इज़ाज़त  दे दी. 14  अगस्त  1942 को  उन्होंने  कामेश्वर  नाथ  सहगल  से  शादी कर ली .उनकी शादी के  reception  में  पंडित  जवाहर  लाल  नेहरु  भी शामिल  होने वाले  थे  लेकिन  उन्ही दिनों 'भारत  छोड़ो  आन्दोलन'  में  महात्मा गाँधी  का  साथ  देने  की वजह से  उन्हें  कुछ  दिनों के लिए  गिरफ्तार   कर  लिया और  वो  जोहरा  की  शादी में शामिल   नही  हो सके  थे .

जोहरा  की शख़्सियत  शुरू से ही  रोबदार  और  दूसरो पर  धोंस  जमाने  वाली  थी.1945 में जब वो और  उनकी  बहन  उज़रा  साथ -साथ  प्रथ्वी  थियेटर  में काम  कर रही थी  तो वो  अक्सर ओपरा हाउस  का एक  कोना पकड़  लिया  करती .... और फिर  किसी की मजाल ....की कोई उनका  छोटा सा भी  मेंकअप  का सामान  ले  सके.... यहाँ तक  की छोटी  बहन उज़रा  भी  नहीं ... हालांकि,सब उनकी बेहद  इज्ज़त  करते  थे  और  उनका  मुकाम  बहुत ऊंचा था फिर भी उन्हें .... ये लगता था की उज़रा बेहद गोरी और हसीन  है इसलिए सब उसे ज्यादा प्यार करते है.

वो खूबसूरत  दिखने  और  लोगो  का ध्यान  अपनी  तरफ  खींचने  के लिए  काफी  मशक्कत   करती.....और  उनकी ये चाहत  आज  भी  बरक़रार है . 
"आज  भी वो एक  ऐसी  खूबसूरत  औरत  दिखने की  ख़्वाहिश  अपने दिल में रखती है.जो अंग्रेजो  की तरह  बेहद  गोरी  हो और  जिसकी  आखों का रंग  नीला हो ." 
उनकी जिंदिगी तब थम सी गयी, जब 1959 में उनके शोहर कामेश्वर  सहगल  ने, हमेशा  के लिए  अपनी  आँखें  बंद  कर ली ...और  बेटी किरण   सहगल  और बेटा पवन  सहगल  की  ज़िम्मेदारी अकेली जोहरा सहगल  पर आ गयी.अपनी इस  ज़िम्मेदारी  को  भी उन्होंने  बखूबी निभाया और  बच्चो  की  बेहेतरीन   परवरिश  की .  


जिंदिगी के  उतार - चढाव  उन्हें  कभी हरा  नहीं  पाए  उन्होंने .... अपने  अंदर की  आग  को जलाये  रखा .... बस  आगे चलती गयी ... कभी पीछे  मुड़  कर नहीं  देखा ,अपनी Creativity को बरक़रार रखते  हुए  हमेशा  कुछ  नया ... कुछ  अच्छा  करती गयी .जिसके लिए उन्हें अब तक  पद्म श्री(1998),काली दास  सम्मान ,(2001) जैसे  बड़े खिताबो से नवाज़ा  जा चुका  है.2004  में संगीत  नाटक  अकादमी से  उन्हें Life time achievements  के लिए  fellow ship  दी गयी और  2010  में  पदम् विभूषण  सम्मान  दिया  गया. 
जोहरा  सहगल  की बेटी  किरण  सहगल  ने  अपनी माँ की 100 वी साल  गिरह  पर  पहली Biography "जोहरा सहगल  फैटी"  निकाली  है जिसमे  उन्होंने  जोहरा सहगल   की जिंदिगी के  अन छुये पहलुओं पर  रौशनी  डाली है और  ख़ास तौर  पर "फैटी "लव्ज़  इसलिए  इस्तेमाल  किया है  क्योंकि  उनकी  माँ  अपने  वज़न  को लेकर आज भी  ऐसे ही ऐतिहात  बरतती  हैं ..... जैसे 16 साल  की लड़की ... हर हफ्ते अपना वज़न  तौलने वाली जोहरा सहगल  को अगर ज़रा सा भी  अपना वज़न  बढ़ा हुआ   लगता है,तो वो  फौर न अपनी diet  कम  कर  देती  हैं और दो टोस्ट के बजाये एक टोस्ट  ही लेना  पसंद करती  है. 
जोहरा सहगल वक़्त की बड़ी पाबंद हैं और अपनी घडी को पांच  मिनट  आगे रखती  हैं .....शायद  इसी लिए  वो वक़्त  से  कही आगे हैं, उन्होंने  उम्र  को अपने  ऊपर  कभी  हावी  नहीं होने  दिया....  और  आज  भी मस्ती में गुनगुनाती  हैं .. "अभी तो मैं जवान हूँ ...अभी तो मैं जवान  हूँ " 
अरशिया   ज़ैदी  
    

  












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