10 May 2012

100 saal ki jawaan ....ZOHRA SEHGAL

                 100 साल की  जवान ......जोहरा सहगल 

"अभी  ना जाओ छोड़  कर,  
  के  दिल अभी  भरा नहीं .....
  के केक अभी कटा नहीं ....".ये  लाइने  गुनगुना रही थी मशहूर  थिऐटर  और  फिल्म  एक्टर  जोहरा सहगल..... अपनी 100 वी  साल गिरह  पर एक  बड़ा  सा  केक   काटते  हुए.
27 अप्रैल 1912 को उत्तर  प्रदेश  के  रामपुर  जिले  में  पैदा  हुई  और  सहारन पुर के  रूहेला पठान  ज़मीदार  खानदान  से ताल्लुक़  रखने वाली  जोहरा  सहगल बीती 27 अप्रैल को 100 साल की हो गयी.उनका ज़िक्र आते ही ऐसी  खुश मिज़ाज,अल्ल्हड़ , नटखट  और बिंदास   बुज़ुर्ग  अदा कारा  का चेहरा सामने आता है  जो अपनी  बेमिसाल   एक्टिंग  के लिए तो जानी ही जाती है....  साथ  ही जानी जाती है  जिंदिगी  के लिए अपने जोश  और प्यार  के  लिए .

एक  एक्टर  बनने  के लिए,उन्होंने अपने अंकल  के साथ ,इंग लैंड  तक  का  सफ़र सड़क  के रास्ते,अफगानिस्तान  और इरान  होते  हुए  तय  किया था .जोहरा ने अपने  लम्बे करियर में  Indian People's Theatre और प्रथ्वी राज थिएटर  के साथ  14 साल  तक काम  किया,और आठ  साल  तक  अपने गुरु  उदय  शंकर से   डांस  क्लासेस  ली.फिल्मो में उनका  करियर  धरती के लाल  से  शुरू  हुआ   ....Bhaji on the beach (1992) हम  दिल  दे चुके  सनम , Bend it like Beckham (2002),दिल  से ...(1998),चीनी कम  और  सावरियां उनकी  यादगार  फिल्में हैं   
इसके अलावा  छोटे परदे  पर The Jewel in the crown,(1984),Tandoori Nights (1985-87),Amma & Family(1996) जैसे  मशहूर  टी वी  सीरियल स  में  भी अपने काम से लोगो  के दिलो  पर  अपनी  छाप  छोड़ने  में  कामयाब  रही.

जोहरा  नास्तिक  ख़यालात  की  रही है.ख़ुदा  में  यकीन  न  रखने  वाली जोहरा  ने  जब  मजहब  और जात -पात  से ऊपर उठ  कर अपने से  8 साल  जूनियर .... 'साइंटिस्ट ,डांसर  और  पेंटर'  कामेश्वर  नाथ  सहगल  से  शादी  का  फैसला  किया  तो शुरू  में  माँ - बाप की  रज़ा मंदी  नहीं  मिली  लेकिन  कुछ  वक़्त  के बाद  वो मान  गए  और उन्होंने  शादी  की इज़ाज़त  दे दी. 14  अगस्त  1942 को  उन्होंने  कामेश्वर  नाथ  सहगल  से  शादी कर ली .उनकी शादी के  reception  में  पंडित  जवाहर  लाल  नेहरु  भी शामिल  होने वाले  थे  लेकिन  उन्ही दिनों 'भारत  छोड़ो  आन्दोलन'  में  महात्मा गाँधी  का  साथ  देने  की वजह से  उन्हें  कुछ  दिनों के लिए  गिरफ्तार   कर  लिया और  वो  जोहरा  की  शादी में शामिल   नही  हो सके  थे .

जोहरा  की शख़्सियत  शुरू से ही  रोबदार  और  दूसरो पर  धोंस  जमाने  वाली  थी.1945 में जब वो और  उनकी  बहन  उज़रा  साथ -साथ  प्रथ्वी  थियेटर  में काम  कर रही थी  तो वो  अक्सर ओपरा हाउस  का एक  कोना पकड़  लिया  करती .... और फिर  किसी की मजाल ....की कोई उनका  छोटा सा भी  मेंकअप  का सामान  ले  सके.... यहाँ तक  की छोटी  बहन उज़रा  भी  नहीं ... हालांकि,सब उनकी बेहद  इज्ज़त  करते  थे  और  उनका  मुकाम  बहुत ऊंचा था फिर भी उन्हें .... ये लगता था की उज़रा बेहद गोरी और हसीन  है इसलिए सब उसे ज्यादा प्यार करते है.

वो खूबसूरत  दिखने  और  लोगो  का ध्यान  अपनी  तरफ  खींचने  के लिए  काफी  मशक्कत   करती.....और  उनकी ये चाहत  आज  भी  बरक़रार है . 
"आज  भी वो एक  ऐसी  खूबसूरत  औरत  दिखने की  ख़्वाहिश  अपने दिल में रखती है.जो अंग्रेजो  की तरह  बेहद  गोरी  हो और  जिसकी  आखों का रंग  नीला हो ." 
उनकी जिंदिगी तब थम सी गयी, जब 1959 में उनके शोहर कामेश्वर  सहगल  ने, हमेशा  के लिए  अपनी  आँखें  बंद  कर ली ...और  बेटी किरण   सहगल  और बेटा पवन  सहगल  की  ज़िम्मेदारी अकेली जोहरा सहगल  पर आ गयी.अपनी इस  ज़िम्मेदारी  को  भी उन्होंने  बखूबी निभाया और  बच्चो  की  बेहेतरीन   परवरिश  की .  


जिंदिगी के  उतार - चढाव  उन्हें  कभी हरा  नहीं  पाए  उन्होंने .... अपने  अंदर की  आग  को जलाये  रखा .... बस  आगे चलती गयी ... कभी पीछे  मुड़  कर नहीं  देखा ,अपनी Creativity को बरक़रार रखते  हुए  हमेशा  कुछ  नया ... कुछ  अच्छा  करती गयी .जिसके लिए उन्हें अब तक  पद्म श्री(1998),काली दास  सम्मान ,(2001) जैसे  बड़े खिताबो से नवाज़ा  जा चुका  है.2004  में संगीत  नाटक  अकादमी से  उन्हें Life time achievements  के लिए  fellow ship  दी गयी और  2010  में  पदम् विभूषण  सम्मान  दिया  गया. 
जोहरा  सहगल  की बेटी  किरण  सहगल  ने  अपनी माँ की 100 वी साल  गिरह  पर  पहली Biography "जोहरा सहगल  फैटी"  निकाली  है जिसमे  उन्होंने  जोहरा सहगल   की जिंदिगी के  अन छुये पहलुओं पर  रौशनी  डाली है और  ख़ास तौर  पर "फैटी "लव्ज़  इसलिए  इस्तेमाल  किया है  क्योंकि  उनकी  माँ  अपने  वज़न  को लेकर आज भी  ऐसे ही ऐतिहात  बरतती  हैं ..... जैसे 16 साल  की लड़की ... हर हफ्ते अपना वज़न  तौलने वाली जोहरा सहगल  को अगर ज़रा सा भी  अपना वज़न  बढ़ा हुआ   लगता है,तो वो  फौर न अपनी diet  कम  कर  देती  हैं और दो टोस्ट के बजाये एक टोस्ट  ही लेना  पसंद करती  है. 
जोहरा सहगल वक़्त की बड़ी पाबंद हैं और अपनी घडी को पांच  मिनट  आगे रखती  हैं .....शायद  इसी लिए  वो वक़्त  से  कही आगे हैं, उन्होंने  उम्र  को अपने  ऊपर  कभी  हावी  नहीं होने  दिया....  और  आज  भी मस्ती में गुनगुनाती  हैं .. "अभी तो मैं जवान हूँ ...अभी तो मैं जवान  हूँ " 
अरशिया   ज़ैदी  
    

  












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