आज मेरा है तू …………….
मुझे नाज़ है ख़ुद पर
आज मेरा है तू
मेरे आसमां का
झिल मिल सितारा है तू.
मेरे इन लबो की
मुस्कराहट है तू
तपती धूप में
घने पेड़ का साया है तू.
कल तुझको खो दूंगी
ये जानती हूँ मैं
बेबस सी तड़प कर
रह जाऊंगी मैं.
तुझसे न कभी फिर कुछ
कह पाऊंगी मैं
कैसे ये सज़ा ख़ुद को
दे पाऊंगी मैं.
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